टिटनेस के लक्षण, उपचार और कारण

टिटनेस क्या है और कैसे होता है ?

टेटनस एक बैक्टीरियल टॉक्सिन से होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे मांसपेशियों में संकुचन होता है, खासकर आपके जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों में। टेटनस सांस लेने की आपकी क्षमता में हस्तक्षेप कर सकता है और आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है.
टिटेनस से बचने के लिए बच्चों को बचपन में डीटीपी का वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है। इस वैक्सीन से बच्चे को डिप्थीरिया के साथ ही टिटनेस और परट्यूसिस जैसी गंभीर बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है। 1 साल के बच्चे को डीपीटी के 3 टीके लगते हैं। इसके बाद डेढ़ साल पर चौथा टीका और 4 साल की उम्र पर पांचवां टीका लगता है। इसके बाद टिटैनस का अगला टीका 16 साल की उम्र मे।
बच्चा, बूढा या जवान कोई भी क्यो न हो अगर पिछले छह माह के भीतर टिटेनस का इन्जेक्शन नही लगा है तो सडक, फर्श या धूल मे गिरने से अथवा लोहे की किसी चीज से चोट आने पर, चोट लगने के 6 घण्टे के भीतर टिटैनस का इन्जेक्शन लगवाना चाहिए.
टेटनस जीवाणु क्लोस्ट्रीडियम टेटनी के संक्रमण के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, लार, धूल और खाद में पाया जाता है। बैक्टीरिया आमतौर पर त्वचा में एक माध्यम से प्रवेश करते हैं जैसे कि एक दूषित वस्तु द्वारा कट या घाव।

चोट लगने के बाद टिटनेस का टीका न लगवाना कितना घातक हो सकता है ?

मेरी कजिन एक दिन सब्जी काट रही थी अचानक उसकी एक उंगली थोड़ी सी कट गयी. उसने सोचा कि थोड़ी सी कटी है ठीक हो जाएगी यह सोच कर वो टिटनेस का टीका लेने डॉक्टर के पास नहीं गई. दो दिन के बाद उसका उँगली एक दम काला पड़ गया। अब वो दौड़कर डॉक्टर के पास गई और डॉक्टर ने उसे कुछ दवा दी. लेकिन उसे उस दवा से कुछ फर्क नहीं पड़ा उल्टा उसका हाथ हथेली तक कaला हो गया. फिर वोह स्पेशलिस्ट पास गई और उन्होंने ऑपरेशन करने को कहा और अब वह ऑपरेशन कराके ठीक हो रहा है. आप लोगों से निवेदन है कि इसको सीरियसली ले और टीका ले ले।

टिटनेस के लक्षण (titnes ke lakshan in hindi)

  • ऐंठन और आपके जबड़े की मांसपेशियों में अकड़न (ट्राइमस)
  • आपकी गर्दन की मांसपेशियों की कठोरता
  • निगलने में कठिनाई
  • आपके पेट की मांसपेशियों की कठोरता
  • कई मिनटों तक चलने वाले दर्दनाक शरीर में ऐंठन, आमतौर पर मामूली घटनाओं से उत्पन्न होती है, जैसे ड्राफ्ट, तेज शोर, शारीरिक स्पर्श या प्रकाश
  • बुखार
  • पसीना आना
  • उच्च रक्तचाप
  • तेजी से दिल की दर
  • मल में खून
  • दस्त

टिटनेस का इंजेक्शन कब लगाना चाहिए ?

टीटी का इंजेक्शन पांच दिन में अपना काम करने लगता है । टिटनेस का इंफेक्शन भी चोट लगने के पांच छः बाद ही अपना असर दिखाना आरम्भ करता है इसलिए उस इंफेक्शन के होने से पहले ही टीटी इंजेक्शन शरीर में मेमोरी सेल बना कर लडने के लिए अपने को तैयार कर लेता है।हर महीने तीन महीने तक टी टी इंजेक्शन लगाने पर सात साल तक सुरक्षा देता है। एक बार लगने पर छः महीने तक सुरक्षित रखता है।

चोट के बाद टिटनेस का इंजेक्शन समय सीमा OR 
टिटनेस इंजेक्शन का असर कितने दिन तक रहता है ?

टिटनेस का इंफेक्शन चोट लगने के पांच छः बाद ही अपना असर दिखाना आरम्भ करता है. तो जितना हो सके जल्दी ले लेना उचित है.

टिटनेस इंजेक्शन का दर्द 

टिटनेस के इंजेक्शन से किसी भी टाइप का दर्द नहीं होता बिलकुल सामान्य इंजेक्शन के भाटी ही लगता है.

कितने दिन में होता है टिटनेस ? (टिटनेस की जांच)

चोट लगने के ५ या ६ दिन में टिटनेस होने की सम्भावना है.

टिटनेस इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स ?

टिटनेस के इंजेक्शन के साइड इफ़ेक्ट बहोत ही नार्मल है. थोड़ा बहुत पसीना आना और दिल की धड़कन थोड़ी देर के लिए तेज होना.

टिटनेस का दूसरा नाम क्या है?

टिटनेस को लोग कई नाम से जानते है किन्तु सबसे प्रचलित नाम “टिटनेस-(धनुस्तंभ)” ही है.

टिटनेस की आयुर्वेदिक दवा इतनी प्रचलित नहीं है मगर भारत के शास्त्रों में इसके बारे म लिखा गया है.

pregnant mahila ko tt ka injection kab lagta hai ?

गर्भावस्था में, गर्भावस्था की 0, 1 तथा 6 माह की आयु पर गर्भवती महिला को टिटेनस के तीन इन्जेक्शन लगवाना चाहिए।

(टिटनेस) tt ka tika kitne rupees ka hai ? (टिटनेस का इंजेक्शन price)

भारत में टिटनेस का इंजेक्शन सर्कार की मदद से सिर्फ १० ₹ में लगता है.

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